चीन के खिलाफ घेराबंदी जरूरी हो गई है - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला


सभी देश चीन को कोरोनावायरस फैलाने का दोषी मान रहे हैं । इस वायरस ने न केवल लाखों लोगों की जान ली है बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर देखने को मिल रहा है ।अमेरिका, भारत ,जापान ,दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया ,इजरायल और ब्राजील ने चीन पर निशाना साधा है । ड्रैगन को सबक सिखाने की सोच रहे हैं । चीन ने अब तो कोरोनावायरस के प्रकोप का असर धीरे-धीरे कम होता जा रहा है । लेकिन वहां से निकलने के बाद इस वायरस ने यूरोप समेत दुनिया भर के करीब डेढ़ सौ देशों में कहर बरपा रखा है । माना जा रहा है कि  चीन अब इससे  उबर चुका है ,लेकिन बाकी देशों में इसका संकट जहां का तहाँ है और पता नहीं कब खत्म होगा। चीन दुनिया भर के लोगों की आलोचनाओं का शिकार शुरू से होता रहा है ।चीन का कहना है कि वह तो अपने दम पर इससे काबू पा सका है ।
ब्रायन ने दावा किया है कि हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि कोरोनावायरस वूहान से ही पूरी दुनिया में फैला है यहां तक कि सार्स, एवियन फ्लू ,  स्वाइन फ्लू और कोरोना का संक्रमण  चीन से ही दुनिया में फैला । अब दुनिया को चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए एकजुट होना होगा ,क्योंकि यह सब कुछ अब  और  बर्दाश्त नहीं कर सकते। पिछले 20 साल में दुनिया में पांच महामारियां  इसी चीन ने दुनिया को दीं । इसे रोकने के लिए किसी को तो जरूर आगे आना होगा। अब दुनिया को चीन से साफ तौर पर कहना चाहिए कि हम उसके यहां से निकल रही महामारियो को बर्दाश्त नहीं करेंगे ।
चीन के पशु बाजारों और प्रयोगशालाओं से निकल रही  महामारियां पूरी तरह से दुनिया के लिए बड़ी मुसीबत बन गई हैं । चीन पर दबाव बनाना जरूरी है चीन ने संक्रमण की जांच के लिए अनुमति देने से मना कर दिया। चीन  बिना दबाव के जांच में मदद के लिए कभी तैयार नहीं होगा ।
चीन की कंपनियों को शेयर बाजार में मनाही होनी चाहिए। चीन की यात्रा पर प्रतिबंध लगना चाहिए ।
चीनी नागरिकों का वीजा रद्द होना चाहिए । अमेरिका को चीन की घेराबंदी की रणनीति का  मुख्य हिस्सा माना जा रहा है। कोरोनावायरस को लेकर अमेरिका  के राष्ट्रपति के करीबी माने जाने वाले  9 सांसदो ने चीन पर  प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिका की संसद में  बिल पेश किया है । चीन को कोरोना का  जिम्मेदार बताते हुए उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मांग की है । राष्ट्रपति ट्रंप चीन पर कड़े प्रतिबंध लगाने में कामयाब हो सकेंगे। चीन कोरोना को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं देता है और इस पर काबू पाने में मदद भी  नहीं करता है ।

अमेरिका के राष्ट्रपति प्रतिबन्ध लगाने की तैयारी कर चुके हैं ,यह माना जा रहा है  । अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह कहा है कि वह साबित करेंगे कि चीन ने दुनिया को अंधेरे में रखा, सही जानकारी नहीं दी ,जिससे इस वायरस के संक्रमण  ने पूरी दुनिया मे तबाही मचा दी है । साथ ही चीन  ने मांसाहार वाले  उन बाजारों को  भी बंद नहीं किया जिससे इस वायरस के जानवरों से इंसानों में संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा था । अब वक्त हो चुका है  कि चीन की घेरा बन्दी के लिए ठोस कदम उठाये जायँ । यहाँ तक की सबको कंगाल बनाकर  भारत से एचडीएफसी के शेयर बाजार करने को तैयार है, परन्तु भारत ऐसा कदापि नही होने देगा ।

सुषमा दीक्षित शुक्ला

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