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विधा/विषय "शाम"
शाम उतर आयी है दिल में - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
मंगलवार, जनवरी 05, 2021
शाम उतर आई है दिल में, यादों की सुंदर महफ़िल में। कभी सताती कभी हँसाती, बातें उनकी दिल ही दिल में। सजधज साथ घूमती उनके, यादों की ब्यूटी…
एक शाम - कविता - कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी
सोमवार, नवंबर 23, 2020
शाम-ए-अवध तेरा दीदार हो गया, सजी एक महफिल में तेरा नाम हो गया। फिर इतिहास के पन्नों को पलट, फलक पे तेरा नाम आफताब हो गया। गुजरे जम…
कब ढले शाम अनज़ान समझ - गीत (मुक्तक) - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
बुधवार, नवंबर 04, 2020
जीवन की ढलती शाम समझ, पल पल अनुपम अलबेला है। सौगात तुम्हें दी है कुदरत, गाथा नव सत्पथ लिखना है। सोपान नया उत्थान समझ, न…