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विधा/विषय "मेहंदी"
मेहंदी की महक - कविता - रमाकांत सोनी
बुधवार, मार्च 02, 2022
नारी का शृंगार मेहंदी चार चाँद चमका देती, हिना में गुण आकर्षण पिया मन लुभा लेती। रचकर रंग दिखाती है सौंदर्य में निखार लाती है, दुल्हन …
हिना - ग़ज़ल - सरिता श्रीवास्तव "श्री"
शुक्रवार, जून 18, 2021
अरकान: फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन तक़ती: 212 212 212 212 मेंहदी हाथ में झिलमिलाए सदा, संग ख़ुशियाँ सुता की सुनाए सदा। पत्तियाँ बाग़…