संदेश
और मैं बन गई मम्मा - संस्मरण - ब्रह्माकुमारी मधुमिता "सृष्टि"
गोधूलि बेला में, मैं ध्यान करने जा रही थी कि तभी मोबाइल की घंटी बजी, बेटू ने कहा "मम्मा मेरा सीजीएल का रिजल्ट आ गया, मेरा रैंक भी…
उत्तरदायित्व - लघुकथा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
माहिष्मती गाँव में ललिता देवी नामक एक सुसभ्य सुसंस्कृत महिला रहती थी। उनके पति गौरी शंकर एक पढ़े लिखे और निहायत भद्र स्वभाव के स्वाभिमा…
सदा सुखी रहो बेटा - लघुकथा - सुषमा दीक्षित शुक्ला
रिटायर्ड इनकम टैक्स ऑफिसर कृष्ण नारायण पांडे आज अपनी आलीशान कोठी में बहुत मायूसी महसूस कर रहे थे, क्योंकि उनकी दो हफ़्ते से बीमार पत्नी…
मेरे बेटे ने - कविता - धीरेन्द्र पांचाल
छोड़ दिया है दामन मेरा मेरे बेटे ने। दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने। जिसको राजा बेटा कहकर रोज़ बुलाते थे। जिसका सर सहलाकर पूरी रात स…
माँ बनकर - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
कौन कहता है कि मैं लाचार हूँ, देखो न मेरा बेटा मेरा आधार है, मुझे गर्व है कि मैंनें ऐसा लाल जना है, ऐसे बेटे पर किस माँ को गर्व नहीं …
कभी हँसती, कभी रोती थी माँ - कविता - नीरज सिंह कर्दम
सड़क के उस पार खड़ी बुजुर्ग, बीमार महिला सामने वाले बंगला को बड़े ही ध्यान से निहार रही थी। सामने वाले बंगले से एक महंगी कार बाहर आती …
फौजी का निर्णय - कहानी - सतीश श्रीवास्तव
देश की सेना में सेवा करना सचमुच ही एक अद्भुत अनुभूति देता है, अपना तन-मन राष्ट्र के लिए होता है समर्पित और यह समर्पण का भाव देता है उन…