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विधा/विषय "खोरठा"
हामर पेटेक आइगीं - खोरठा कविता - विनय तिवारी
गुरुवार, जून 29, 2023
हामर पेटेक आइगीं पोइड़ के बानी-छाय होय जाय हामर हिंछा, हामर बुधि हामर उलगुलान, हामर सोच हामर पेट आर माड़-भात। एकर बिचें हाड़तोड़वा काम ज…
बिटिया करे सवाल - खोरठा कविता - रवि शंकर साह
शनिवार, सितंबर 19, 2020
बेटा होले कुल के दीपक । हम होलिये ज्योति गे माय। बेटा तो बदमाशों हो झे बेटी तो होवे झे एक गाय। दुनिया के ई केसन रीति रिवाज केसन झे इ स…