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विधा/विषय "खिलौना"
खिलौना - कविता - विनय विश्वा
गुरुवार, दिसंबर 10, 2020
सूखी रोटी ओढ़ना बिछौना सर्दी गर्मी साथ है रहना प्राणी जन के उदर भरते सत्ता के गलियारों में हम कठपुतली बन गए खिलौना। सूखी रोटी ओढ…
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सूखी रोटी ओढ़ना बिछौना सर्दी गर्मी साथ है रहना प्राणी जन के उदर भरते सत्ता के गलियारों में हम कठपुतली बन गए खिलौना। सूखी रोटी ओढ…
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