मुबारक हो दीपों का त्यौहार - कविता - राम प्रसाद आर्य 'रमेश'

मुबारक हो दीपों का त्यौहार - कविता - राम प्रसाद आर्य 'रमेश' | Deepawali Kavita - Mubarak Ho Deepon Ka Tyohaar. Hindi Poem on Diwali Festival | दिवाली पर कविता
नमस्कार, नमस्कार, नमस्कार,
मुबारक हो दीपों का त्यौहार।

माँता लक्ष्मी की पूजा सफल हो,
घर में धन की हो वर्षा अपार।
दीप घर-घर जले हों हज़ार,
ध्वस्त हो घर व बाहर अन्धकार॥

गिरि गोवर्धन पूजा सफल हो,
घर में हो ख़ुशियों की  बौछार।
पाप के सारे षडयन्त्र विफल हों,
पुण्य की हो विजय लगातार॥

भैयादूज का सफल हो ये त्यौहार,
प्रेम का मन में हो नित संचार।
भाई-बहिनों में बढ़ता ये प्यार,
देख दुनियां करे जै-जैकार॥

हर क़दम जीत हो, ना हो हार,
भाईचारा बढ़े लगातार।
जाति, धर्म भेद का हो तिरस्कार,
विविधता में हो एकता संचार॥

नमस्कार, नमस्कार, नमस्कार,
मुबारक हो, दीपों का त्यौहार।
ख़ुश रहें बाल, बुद्ध, हर नर-नार,
नमस्कार, नमस्कार, नमस्कार॥


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