दीपक एक आज जलाएँ ऐसा - कविता - सीमा शर्मा 'तमन्ना'

दीपक एक आज जलाएँ ऐसा - कविता - सीमा शर्मा 'तमन्ना' | Diwali Kavita - Deepak Ek Aaj Jalaayen Aisa - Seema Sharma | दिवाली पर कविता, Hindi Poem on Deepawali
दीपक जल-जल कह रहा प्रियतम, सदा रहे जग उजास।
रहे दूर तिमिर सदैव ही नव ऊर्जा का फैले नित्य प्रकाश॥

हर घर-आँगन में दीप जले सुंदर हो जन-जन परिवेश।
राम अवध में आ गए देखो जैसे लेकर आज यह संदेश॥

होती ही आई है अक्सर सत्य की जग में हरदम जीत।
दीप द्वार पर जल-जल कह रहा, मन में भर भर कर प्रीत॥

अंधकार को हराकर आख़िर! जीत गए हैं अब सब दीप।
बात पुरानी भूलकर देखो रिल मिल बैठे एक दूजे समीप॥

रात अंधियारी बढ़ी आ रही है यूँ लेकर दीया माटी हाथ।
आओ मनाएँ ऐसे दिवाली आज मिल कर सबके साथ॥

दीपक एक आज जलाएँ ऐसा इस तन को माटी का मान।
मन की कर दें फिर वर्तिका इसमें और ज्योति जलाएँ ज्ञान॥

दीपावली यह शुभ होवे सभी को, फैले यह ज्ञान प्रकाश।
शुद्ध हो जाए चित्त और भावना तभी संभव है देश विकास॥

सीमा शर्मा 'तमन्ना' - नोएडा (उत्तर प्रदेश)

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