सर्वविग्रहाय शिवाय
तत्पुरुषाय अखण्डाय
शिव आप अविराम हैं।
हर्यश्वाय यज्ञाय महाकायाय
हरये विष्णुप्रसादिताय
शिव आपको प्रणाम है।
महाप्रसादाय दमनाय
श्वेतपिङ्गलाय सर्वपार्श्वमुखाय
शिव आप आत्म स्वरूप राम हैं।
व्यासाय पर्ययाय संवत्सराय
आद्याय निर्गमाय
शिव आपको प्रणाम है।
शिखिने मुण्डिने जटिने
ज्वालिने विभूषिताय
शिव आप मोक्ष के धाम हैं।
बलिने वेणविने पणविने
तालिने कालकटङ्कटाय
शिव आपको प्रणाम है।
गुणबुद्धये प्रजापतये
नक्षत्रविग्रहमतये अमुखाय
शिव आप गोधूलि शाम हैं।
विशाम्पतये गवाम्पतये
बलवते नीतये गतागताय
शिव आपको प्रणाम है।
अमित्रजिते विश्वकर्ममतये
अदितये धन्वन्तरये विश्वदेवाय
शिव आप शक्ति सुनाम हैं।
धृतिमते मतिमते रतये
पिनाकधृते जाह्नवीधृते वरेण्याय
शिव आपको प्रणाम है।
कलाभ्यो काष्ठाभ्यो लवेभ्यो
मात्राभ्यो क्षणेभ्यो कालाय
शिव आप सर्वेश्वर अनाम हैं।
लोकचारिणे सर्वचारिणे
निशाचारिणे परमब्रह्मणे शुद्धाय
शिव आपको प्रणाम है।
सुशील शर्मा - नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)