बसंत का त्यौहार - कविता - बिंदेश कुमार झा

बसंत का त्यौहार - कविता - बिंदेश कुमार झा | Hindi Prem Kavita - Basant Ka Tyohaar - Bindesh Kumar Jha | Hindi Poem On Spring Season. बसन्त पर कविता
शीत के प्रताप प्रभाव
हो रहा व्याकुल संसार,
प्रसन्नता का आयाम लेकर
आया बसंत का त्यौहार।

सो रही कलियाँ
उठ रही है अँगड़ाई लेते,
वायु सँजोए रहा है प्रकृति में
कोटि-कोटि बधाई देते

हृदय का शीतकाल तो
अनंत अवधि का लग रहा है,
हो प्रकाश और ख़ुशबू विस्तार
हृदय में इच्छा सुलग रहा है।

समाप्त हो मानसिक ग्रीष्म
और हृदय का शीतकाल,
बसंत मने समस्त जग में
संगीत में रहे जीवन का ताल।

बिंदेश कुमार झा - नई दिल्ली (दिल्ली)

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