हे हंसवाहिनी माता!
अब हम पे रहम करना।
हम तेरे ही बालक हैं,
माँ हमपे करम करना।
सुन मेरी करुण कहानी,
माँ दूर करो नादानी।
मैं दुर्बल सठ अभिमानी,
ना तुमसा है कोई दानी।
है माँ बालक का नाता,
ये सोच क्षमा करना।
हे हंसवाहिनी माता!
अब हमपे रहम करना।
अज्ञान का मुझ पर साया,
जीवन मे अँधेरा छाया।
अब कोई नज़र ना आया,
माँ तेरी शरण मैं आया।
मैं याचक हूँ तुम दाता,
माँ मुझपे दया करना।
हे हंसवाहिनी माता!
अब हमपे रहम करना।