करो मात-पिता सेवा - मनहरण घनाक्षरी छंद - अजय कुमार 'अजेय'

करो मात-पिता सेवा - मनहरण घनाक्षरी छंद - अजय कुमार 'अजेय' | Manharan Ghanakshari Chhand - Karo Maat Pita Seva
करो मात-पिता सेवा,
मिले जीवन मे मेवा,
ऐसे महानुभाव का,
भाग्योदय मानिए।

सदा सेवा भाव रखे,
मान सम्मान भी करे,
जग में सबसे बड़ा,
बादशाह जानिए।
 
कोई ना तुम सा दूजा,
करूँ निस दिन पूजा,
कैसे कटे बिन तेरे,
ज़रा समझाइए।

चार दिन की चंदगी,
करो प्रभु की बंदगी,
जीवन सफल जग में,
सुंदर बनाइए।


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