करो मात-पिता सेवा - मनहरण घनाक्षरी छंद - अजय कुमार 'अजेय'
सोमवार, फ़रवरी 26, 2024
करो मात-पिता सेवा,
मिले जीवन मे मेवा,
ऐसे महानुभाव का,
भाग्योदय मानिए।
सदा सेवा भाव रखे,
मान सम्मान भी करे,
जग में सबसे बड़ा,
बादशाह जानिए।
कोई ना तुम सा दूजा,
करूँ निस दिन पूजा,
कैसे कटे बिन तेरे,
ज़रा समझाइए।
चार दिन की चंदगी,
करो प्रभु की बंदगी,
जीवन सफल जग में,
सुंदर बनाइए।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर