निज राष्ट्र की पुनीत पावन धरा को,
मिलकर हरियाली से प्रफुल्ल बनाएँ।
पर्यावरण संरक्षण में हम दे योगदान,
प्रकृति के प्रति आत्मकर्तव्य निभाएँ।
कारखानों से निकले दूषित जल से,
प्रदूषित होते जलस्रोतों को बचाएँ।
सरकारी नीतियों को उच्चम स्तर से,
दे समर्थन संरक्षण तरकीब अपनाएँ।
अति उर्वरकों का उपयोग कम कर,
चिमनियों की धुआँ पर रोक लगाएँ।
बढ़ते यातायात के उच्च ध्वनि शोर से,
ना उन्मत्त पर्यावरण को क्षति पहुँचाएँ।
पर्यावरण-स्वास्थ्य को प्रभावित करते,
अशुद्ध रेडिएशन के बारे में समझाएँ।
अल्फा, बीटा और गामा किरणों पर,
नियंत्रण को मिल हम हाथ बढ़ाएँ।
महेंद्र सिंह कटारिया - नीमकाथाना (राजस्थान)