अप्प दीपो भवः - कविता - संजय राजभर 'समित'

अप्प दीपो भवः - कविता - संजय राजभर 'समित' | Hindi Kavita - App Deepo Bhava - Sanjay Rajbhar Samit | Appa Dipo Bhavh Poetry. अप्प दीपो भवः पर कविता
छोटी सी है ज़िंदगी
सूझबूझ से चल
बेतहाशा
मत भाग किसी के पीछे
पता चला
वो अँधेरे में था
तू भी–
धार्मिक सच जो कल तक सच था
उसे विज्ञान आज झूठला रहा है
इसलिए 
तर्क करें मनन विमर्श करें
और बनें
अप्प दीपो भवः। 


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