तिरंगा - कविता - देवेश द्विवेदी 'देवेश'

सीमा से आती देश की पुकार तिरंगा,
है हिन्द के ऐश्वर्य की जयकार तिरंगा।
होली, दीवाली, ईद का त्योहार तिरंगा,
सैनिक के लिए देश का उपहार तिरंगा।

जय हिन्द, वन्देमातरम् यशगान तिरंगा,
है देशहित में फ़र्ज़ का आह्वान तिरंगा।
हर एक की हरकत पे है ये आँख लगाए,
सीमा पे सीना तान सावधान तिरंगा।

वीरों की तो है आन-बान-शान तिरंगा,
गर हों शहीद तन पे हो अरमान तिरंगा।
मतलब नहीं है देश के भूगोल से उन्हें,
उनके लिए है पूरा हिन्दुस्तान तिरंगा।

जब तक धरा पे है यह पतित पावनी गंगा,
जब तक है बच्चा-बच्चा देश भक्ति में रंगा।
जब तक रहेंगे चाँद-सितारे ये गगन में, 
तब तक रहेगा ऊँचा विजयी विश्व तिरंगा।

देवेश द्विवेदी 'देवेश' - लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

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