सादगी - मनहरण घनाक्षरी छंद - रमाकांत सोनी 'सुदर्शन'

सत्य शील सादगी हो, 
ईश्वर की बंदगी हो। 
आचरण प्रेम भर,
सरिता बहाइए।

संयम संस्कार मिले, 
स्नेह संग सदाचार। 
शालीनता जीवन में, 
सदा अपनाइए।

बोल मीठे मीठे बोलो, 
मन की अँखियाँ खोलो।
जीवन की नैया भैया, 
पार कर जाइए।

अभिमान तज सारे,
हरि नाम भज प्यारे।
मन में विश्वास भर,
सब सुख पाइए।

रमाकान्त सोनी 'सुदर्शन' - झुंझुनू (राजस्थान)

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