रामराज्य - कविता - अखिलेश श्रीवास्तव

नौजवान इस देश के अब
एक नया इतिहास रचाएँगे,
भ्रष्ट ग़ुंडे अपराधी लोगों को 
अब नेता नहीं बनाएँगे।

एक अखंड भारत की 
घर-घर में अलख जगाएँगे,
अब ऐसे नेताओं को ही
चुनकर सरकार में लाएँगे।

जाति धर्म की बातें कर
भारत में भ्रम फैलाएँगे,
ऐसे नेताओं को हम 
संसद में नहीं पहुँचाएँगे।

भारत को खंडित करने 
की जो हिंसा फैलाएँगे,
ऐसे नेताओं को हम
नानी याद दिलाएँगे।

भारत में चहुँमुखी विकास
की नई नई सोच को लाएँगे,
भारत की नई पीढ़ी का जो
उज्जवल भविष्य बनाएँगे।

वंदे मातरम जय भारत
का नारा जो अपनाएँगे,
ऐसे देशभक्त नेताओं की 
अब सरकार बनाएँगे।

झूठे और फ़रेबी नेता को 
अब हम नहीं जिताएँगे,
उनकी मुफ़्त सेवाओं के
हम झाँसे में नहीं आएँगे।

सच्चे और अच्छे नागरिक
ही अब नेता बन पाएँगे,
देशभक्ति और जनसेवा 
करने की कसमें खाएँगे।

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
गर्व से हम फहराएँगे,
रामराज्य के इतिहास को
हम फिर से दुहराएँगे।

अखिलेश श्रीवास्तव - जबलपुर (मध्यप्रदेश)

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