दशहरा का पर्व पावन - कविता - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'

दशहरा का पर्व पावन
'अंशुमाली' का नमन।
ख़ुश रहो सब मीत मेरे
स्नेह लो पावन गहन।
बढ़ो उन्नति पंथ पर तुम
शुभकामनाएँ दे रहा–
लघु मीत को आशिष सघन
बड़ों के छूता चरन।

शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' - फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)

साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिये हर रोज साहित्य से जुड़ी Videos