अच्छा हो एक दीप जलाओ।
सोए मन दर्पण के भीतर,
नन्हा सा एक दीप जलाओ।
अलसाई नींदों से जागो,
ख़ुशियों का संगीत बजाओ।
अच्छा हो एक दीप जलाओ॥
टूटे मन की बेबसी,
ऐसा सुंदर गीत सुनाओ।
फूटे नया सवेरा जग में,
एक ऐसा संदेश फैलाओ।
अच्छा हो एक दीप जलाओ॥
रंग रूप रस और राग के,
बिखरे धुँधले चित्र मिटाओ।
गली-गली हर नगर-नगर से,
अँधियारे को मार भगाओ।
अच्छा हो एक दीप जलाओ॥
हर सूनी आँखों के भीतर,
ऐसा नव उत्साह जगाओ।
जीवन के कंटकमय पथ पर,
हो निर्भीक ख़ुशी फैलाओ।
अच्छा हो एक दीप जलाओ॥
जीवन की मुस्कान बनो तुम,
सर क्यारी में फूल खिलाओ।
महकें जीवन की फुलवारी,
श्रद्धा का नैवेद्य चढ़ाओ।
अच्छा हो एक दीप जलाओ॥
डॉ॰ आर॰ सी॰ यादव - जौनपुर (उत्तर प्रदेश)