हिंदी - कविता - समता कुमारी

हिंदी हमारी भाषा,
हमारी शान हैं।
हिंदी से ही हमारी पहचान है।
चलो सब मिल कर, 
एक काम करें।
हिंदी को मिलजुल कर,
नया आयाम प्रदान करें।
उत्तर से दक्षिण तक, 
पूरब से पश्चिम तक।
इसको पहुँचाए हम।
चलो सब मिलकर राष्ट्रभाषा बनाने का,
अभियान चलाए हम।
हिंदी की बिंदी को,
नए ऊँचाइयों पर पहुँचाएँगे।
स्वदेश से लेकर विदेश तक,
हिंदी का आग़ाज़ जगाएँग।

समता कुमारी - समस्तीपुर (बिहार)

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