साथी मेरे - गीत - नृपेन्द्र शर्मा 'सागर'

साथी मेरे, हमदम मेरे,
मैं साथ हूँ, हरदम तेरे।
दिल में है तू, साँसों में तू,
पलकों में हैं, सपने तेरे।
साथी मेरे, हमदम मेरे।

दुनिया है ये, ज़ालिम बड़ी,
पीछे पड़ी है, तेरे मेरे।
ये प्यार का, रस्ता कठिन,
डर कुछ नहीं, संग में तेरे।
साथी मेरे, हमदम मेरे।

लम्बा सफ़र, मुश्किल डगर,
तू साथ चल, हरपल मेरे।
हम जीत लेंगें, बाज़ी सभी,
पानी है मंज़िल, संग में तेरे।
साथी मेरे, हमदम मेरे।

नृपेंद्र शर्मा 'सागर' - मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश)

साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिये हर रोज साहित्य से जुड़ी Videos