गणपत लाल उदय - अजमेर (राजस्थान)
माँ शारदे को प्रथम नमन - कविता - गणपत लाल उदय
शनिवार, फ़रवरी 05, 2022
हम वंदन करते सर्व प्रथम तेरे नाम का,
पूजा-पाठ हम करते सरस्वती मात का।
आ जाओ मेरे कंठो में मातेश्वरी शारदा,
हृदय विराजो लाज रखो इस दास का।।
नमन करते अभिनंदन करते माँ शारदे,
हमें ज्ञान और विधा का तुम वरदान दे।
तुमसे ही माता ज्ञान का ये संचार हुआ,
मेरे मन मस्तिष्क में ज्ञान प्रकाश हुआ।।
ऐसे ही बनाएँ रखना माता हम पे कृपा,
सुलझती रहे तुम्हारे नाम से हर विपदा।
हमने साहित्य जगत में जो क़दम रखा,
चरणों में मुझको जगह देना माँ शारदा।।
तुम ज्ञान का भंडार ज्योति का वरदान,
तुमसे ही माँ सब बनता और बिगड़ता।
साज बाज लेख विधा सब सीख पाता,
प्रथम ध्यान हंसवाहिनी का जो करता।।
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