आओ हम मतदान करें - कविता - प्रभात पांडे

शिक्षा, दीक्षा और चिकित्सा 
इनके साधन अब बटे बराबर,
असन, वसन, आवास सुलभ हों 
साँसें पलें न फुटपाथों पर।
पूर्ण व्यवस्था बने समुज्ज्वल 
ऐसा कुछ प्रयास करें,
तुच्छ स्वार्थ से ऊपर उठकर 
आओ हम मतदान करें।
भय, आतंक और हिंसा से 
कुछ भी हाथ नहीं आना है,
जातिवाद और क्षेत्रवाद से 
कोसों दूर हमें जाना है।
अपनेपन की ख़ुशबू महके 
ऐसा कुछ प्रयास करें,
तुच्छ स्वार्थ से ऊपर उठकर 
आओ हम मतदान करें।
बेकारी, भुखमरी, ग़रीबी 
इनको दूर भगाना है,
श्रम की लाठी पकड़ हाँथ में 
हमें बढ़ना और बढ़ाना है।
भ्रष्टाचार, पाखण्ड, झूठ पर 
अंकुश हमें लगाना है,
नहीं अन्न, जल की कमी रहे 
कुछ ऐसा राष्ट्र बनाना है।
दाँव, पेंच की राजनीति का 
आओ पूर्ण अवसान करें,
तुच्छ स्वार्थ से ऊपर उठकर 
आओ हम मतदान करें।।

प्रभात पांडे - कानपुर (उत्तर प्रदेश)

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