तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला - ग़ज़ल - शमा परवीन

अरकान : फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़इलात
तक़ती : 2122  1212  1121

तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला,
दिल नही मानता है ऐ मेरे मौला।

आती है याद दोस्ती हमे यूँ ही,
मन मेरा हारता है ऐ मेरे मौला।

गिर गया है वो मेरी नज़र मे कब का,
उससे क्यों वास्ता है ऐ मेरे मौला।

उसको उसकी तरह ही कोई मिले,
दिल यही चाहता है ऐ मेरे मौला।

प्यार ने कह दिया ज़माने से आज,
अब नही राबता है ऐ मेरे मौला।

शमा परवीन - बहराइच (उत्तर प्रदेश)

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