नवल वर्ष तुम्हारा अभिनंदन है - कविता - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'

ओ नवल वर्ष
दो हज़ार बाइस!
तुम्हारा अभिनंदन है।
आओ प्रत्येक सदन में
बन कर समय
और प्रवहमान करो जीवन।
ज्ञान लक्ष्य
जन-जन को प्रदान करो
सुख संपदा
और माँ विष्णुप्रिया का हो आगमन,
मैं अपने मीत को हृदय से
देता शुभकामनाएँ
कि-
नया वर्ष हो मंगलमय।

शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' - फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)

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