अतीत की विदाई और स्वागत नव वर्ष - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'

करें विदाई इक्कीस अतीत, 
जो कोरोना काल बना हो। 
स्वागत आगत नववर्ष लसित, 
सुखद प्रगति उल्लास नया हो। 

आओ नया साल मनाएँ हम, 
नव उषा किरण नव ध्येय पटल हो। 
ख़ुशियाँ जग में फैलाएँ हम, 
मधुरिम स्नेहिल मीत विमल हो।

नवल भोर अरुण नव वर्ष उदय,
अरुणाभ विश्व आनंदित हो।
चहुँ शान्ति कान्ति बिन भ्रान्ति प्रजा,
नव वर्ष आंग्ल मंगलमय हो।

नया साल नया विचार मनुज, 
नवयौवन नूतन उमंग हो। 
निर्माण स्वयं कल्याण जगत, 
संकल्प ध्येय पथ  तरंग हो।

हो चहुँ कोरोना मुक्त वतन,
फैले ख़ुशियाँ नवजीवन हो।
नवोन्मेष प्रगति पथिक यतन,
निशिकांत सुखद संजीवन हो। 

नभ इन्द्रधनुष सतरंग सुभग, 
नवशौर्यविजय भारत जय हो। 
नीलाभ उड़े तिरंगा भारत, 
गणतंत्र शान जग प्रीति उदय हो।

अनमोल धरोहर भारत जय,
समतामूलक जनजीवन हो।
हो विभव सकल मुस्कान अधर,
मैत्री भावित हृदयांगन हो।

उन्वान वतन अरमान वतन, 
उत्थान सकल जन भारत हो। 
पुरुषार्थ सार्थ परमार्थ सुपथ, 
सुखधाम दीप शुभ आरत हो।

अविराम यतन मानवता हित,
सद्नीति रीति पथ जीवन हो।
सप्तसिन्धु सरित् स्नेहिल समरस,
अवगाहन सुन्दर भावन हो।

अभिराम सुखद आगत भविष्य, 
नव वर्ष आंग्ल मानव हित हो। 
हो रोगमुक्त धरती अम्बर, 
चहुँ अमन समुन्नत हर्षित हो।

नित नवल निकुंज नवोदित मन,
कवि भाव रम्य सद्भावन हो।
कविता ललिता संगीत कला,
कोकिल पंचम स्वर सावन हो।

मनमोहन माधव ऋतु वसन्त, 
नववर्ष रसाल मुकुलित वन हो। 
घन घटा व्योम नर्तन मयूर, 
मधु श्रावण नव प्रीति मिलन हो।

अनुसंधान देश उत्कर्ष नवल,
अभिमत जनमत संविधान हो।
समुदार क्षमा सौहार्द्र विमल,
आत्मनिर्भरता स्वाभिमान हो।

हो विश्वशांति परिवार धरा, 
योगक्षेम वहामि मानक हो। 
सत्यमेव जयते पथ दृढ़ता, 
परमवीर चक्र बलधायक हो।

डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' - नई दिल्ली

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