किताबें - कविता - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'

किताबें
जीवन का राजपथ
बताती है प्रच्छन्न लक्ष्य
बचाती हैं मृगमरीचिका से
मील का प्रस्तर बन
इंगित करती हैं
गन्तव्य की ओर
रुलाती हैं
हँसाती हैं
सिखाती हैं आदर्श
देती हैं लक्ष्य।

शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' - फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)

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