ख़्वाब मन में कई पल गए - ग़ज़ल - नागेन्द्र नाथ गुप्ता

अरकान : फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
तक़ती : 212  212  212

ख़्वाब मन में कई पल गए,
तेरे आने से ग़म गल गए।

वक़्त पर साथ तेरा मिला,
तीर नैनो से वो चल गए।

प्यार हासिल हुआ आपका,
अपने माथे के सब बल गए।

आई नज़दीक ख़ुशियाँ कई,
रंग गालों में वो मल गए।

हाथ उनका मेरे हाथ में,
लोग ये देख के जल गए।

आज पूरी हुई है क़सम,
अपने वादे सभी फल गए।

है मुहब्बत का ऐसा असर,
और अरमान कुछ पल गए।

याद लम्हें सुहाने हमें,
देखें सपने हमें छल गए।

नागेंद्र नाथ गुप्ता - मुंबई (महाराष्ट्र)

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