क्या है?
कोई ख़्वाब...!
या फिर हक़ीक़त...
यदि ख़्वाब...!
तो क्या है जीवन की सीमा के उस पार...?
बहुत रहस्य है यहाँ
जो मजबूर करता है करने को विचार।
आँखें बन्द करो तो
जीवन की सच्चाई दिखती है और
खोल लो तो...
फिर वही ख़्वाब।
बहुत कुछ है
मानव की समझ से परे
यदि सोचो गहराई से तो
हैं बहुत सवाल अब भी खड़े...!!
अभिषेक विश्वकर्मा - हरदोई (उत्तर प्रदेश)