किसान - कविता - काजल चौधरी

कृषि प्रधान देश हमारा,
हमको जान से प्यारा है।
देश की शान,
देश का मान,
हे कृषक तुम हो महान!
बहाते पसीना दिन-रात हो,
तुम हमारा अभिमान हो,
हे कृषक तुम महान हो!

मेहनत भरपूर करके,
थाली पकवानों से भरते,
ख़ुद रहके भूखे
सबकी भूख़ मिटाते हो!
हे कृषक तुम महान हो !

भारत माँ के लाल 
अन्नदाता तुम कहलाते हो,
अन्नदाता, जीवनदाता
भाग्यविधाता तुम हमारे हो
कर्मठ परिश्रमी,
हे कृषक तुम महान हो!

काजल चौधरी - कानपुर नगर (उत्तर प्रदेश)

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