चिड़िया रानी - कविता - प्रवीण

चिड़िया रानी बड़ी सयानी,
मोह माया सब इसने जानी।
पंख फैलाए फुर हो जाती,
यह कभी ना हाथ में आती।
सुबह-सुबह यह जब है आती,
सब के दिल को बहलाती। 
बच्चे कहते इसे पकड़ लो, 
हाथ में आए इसे जकड़ लो। 
मम्मी पापा फ़ौरन आए  
सब बच्चों को यह समझाए। 
सबसे प्यारी चिड़िया रानी, 
नहीं पकड़ना इसको बच्चों! 
रूठ जाएगी बूढ़ी नानी।

प्रवीण - नई दिल्ली

साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिये हर रोज साहित्य से जुड़ी Videos