शान है तिरंगा - कविता - शिवचरण सदाबहार

हिन्द की शान है तिरंगा,
शहीदों का बलिदान है तिरंगा।

चक्र है गति का परचम,
वीर शौर्य की पहचान है तिरंगा।

केसरिया है वीरो का स्वाभिमान,
भारत माँ का यशगान है तिरंगा।

इसकी रक्षा करना कर्म हमारा,
भारतवर्ष का सम्मान है तिरंगा।

वतन पर प्राण निछावर स्वर है इसका,
आज़ादी का निशान है तिरंगा।

आसमाँ पर शान से लहराया वह,
राष्ट्रप्रेम का ज्ञान है तिरंगा।

इस पर तेरी जान भी क़ुर्बान है 'शिवचरण',
जीता जागता हिंदुस्तान है तिरंगा।।

शिवचरण सदाबहार - सवाई माधोपुर (राजस्थान)

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