देश हमारा सबसे न्यारा - कविता - डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव

सबसे न्यारा सबसे अच्छा, प्यारा अपना देश,
सब रहते है इस बग़िया में ज़ाकिर, जॉन, महेश।

सुखविंदर भी रहते इसमें और सलमा भी रहती,
सब मिलकर त्योहार मनाते मस्त हवा है बहती।

आशा का है घर का मंदिर जस्सी का गुरुद्वारा,
जारा की मस्जिद भी यह है चर्च मैरी का प्यारा।

धर्मों का सम्मान करें सब गाते प्यारा गान,
सर्वश्रेष्ठ है भारत भैया अपना देश महानम।

डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव - जालौन (उत्तर प्रदेश)

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