राष्ट्रीय ध्वज - कविता - प्रतिभा नायक

राष्ट्रीय ध्वज लहराएगा
फहरेगा तिरंगा।

धरा के कण-कण पर, 
नभ को आलिंगन कर, 
हर भारतीय के हृदय पर, 
राष्ट्रीय ध्वज लहराएगा। 

तीन रंगों की आभा से, 
शूरवीरों को सम्मानित कर, 
हरित वसुंधरा पर आत्मनिर्भर, 
शांति पथ पर अग्रसर, 
राष्ट्रीय ध्वज लहराएगा।

हर द्वेष को भुलाकर, 
जात पात मिटाकर, 
नव पुष्प पल्लवित होगा,
राष्ट्रीय ध्वज लहराएगा।

पूर्वजों के बलिदान को स्मरण कर, 
युवाओं को प्रोत्साहित कर, 
नव चेतना जागृत होगी, 
माँ वसुधा का आशीष लेकर, 

राष्ट्रीय ध्वज लहराएगा
फहरेगा तिरंगा।।

प्रतिभा नायक - मुम्बई (महाराष्ट्र)

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