तू कहाँ - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला

जानेमन जाने जाँ जानेमन जाने जाँ,
तू कहाँ तू कहाँ तू कहाँ तू कहाँ।
दर-ब-दर ढूँढ़ता हूँ मैं तेरे निशाँ,
तू कहाँ तू कहाँ तू कहाँ तू कहाँ।

तू ही मेरा ख़ुदा,
तू हुआ क्यूँ जुदा।
ना सितम मुझपे ढा,
मैं नही बेवफ़ा मैं नही बेवफ़ा।
तेरे ग़म में सुलगकर हुआ हूँ धुँआ।
जाने मन जाने जाँ जानेमन जाने जाँ।
तू कहाँ तू कहाँ तू कहाँ तू कहाँ।
दर-ब-दर ढूँढ़ता... 2

तेरा बीमार हूँ,
इक तलबगार हूँ।
हर ख़ुशी तू मेरी,
तेरा ऐतबार हूँ।

तेरी राहों दे दूँगा
मैं अपनी जाँ।
जानेमन जाने जाँ... 2
तू कहाँ तू कहाँ... 2
दर-ब-दर ढूँढ़ता हूँ मैं तेरे निशाँ।

सुन मेरी जुस्तुजू,
बन गया तू जुनू।
ऐ इबादत मेरी,
तू है मेरा सुकूँ।

इतना पत्थर न बन,
ओ सनम मेहरबाँ।

जाने मन जाने जाँ... 2
दर-ब-दर ढूँढता हूँ... 2

सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

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