सफलता का रहस्य - कविता - डॉ. रवि भूषण सिन्हा

दूसरों की ख़ूब सुनिए,
उस पर मनन भी कीजिए ख़ूब।
बात जो हो अपने काम की,
उसे याद भी रखिए ख़ूब।।
जीवन की जंग में,
इसका कीजिए ख़ूब सदुपयोग।
जीत आपकी ही होगी, 
कहने में नहीं कोई संकोच।।

ज़िंदगी में हार-जीत की,
चिन्ता न कभी कीजिए।
हारे तो भी पुनः जीत की,
बड़ा सबक़ तो पाइए।।
साधन के अभाव में,
मंज़िल होती नहीं कभी दूर।
लगन-मेहनत की अटूट कोशिश,
साथ निभाती भरपूर।।

याद हमेशा रखना है,
बूँद-बूँद से घड़ा भरता है।
छोटे-छोटे साधनों से,
मानव एवरेस्ट पर चढ़ता है।।
छोटी-छोटी जीत पर,
कभी न अपने ऊपर इतराएँ।
विनम्रता एवं धैर्य को,
कभी न जीवन में खोएँ।।

डॉ. रवि भूषण सिन्हा - राँची (झारखंड)

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