शोर भी है मन व दिल में,
काम भी है ज़िंदगी में।
जीतना है जीत जाओ,
पर किसी के काम आओ।
काम भी ऐसा करो की,
बात हो सब के अमन की।
जीतना है जीत जाओ,
पर सभी का साथ पाओ।
साथ पाओ जब सभी का,
हर्ष पाओ हर जगह का।
जीतना है जीत जाओ,
पर अमन के गीत गाओ।
गीत भी तू गा मधुर सा
प्रेम गीतक हो ग़ज़ल सा।
जीतना है जीत जाओ,
पर दुश्मनी भूल जाओ।
भूल कर तू दुश्मनी को,
साथ पा ले तू अपन को।
जीतना है जीत जाओ,
पर सभी का प्रेम पाओ।
प्रेम भी हो तो सरल सा,
प्रेम रस भी हो सफ़र सा।
जीतना है जीत जाओ,
पर किसी के काम आओ।
विशाल भारद्वाज "वैधविक" - बरेली (उत्तर प्रदेश)