शुभकामना - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला

उम्र तुम्हारी लंबी होवे,
ख़ुशियों का अहसास रहे।

ग़म कोई भी पास न आए,
शीश प्रभू का हाँथ रहे।

आसमान में लाखों तारे,
तुम धरती के एक सितारे।

जीवन की हर ख़ुशी मुबारक,
हम सबके तुम राज दुलारे।

परम् पिता की सदा दुआ हो,
जीवन पथ मंज़िल पाए।

सारी ख़ुशियाँ बन सौग़ातें,
सुख के सुन्दर दीप जलाएँ।

साँसों की शाखों पर नए गुलाब खिले,
जीवन की हर आस सहारा पा जाए।

आँधी बन जाए भीनी सी ख़ुशबू,
सपनो की हर नाव किनारा पा जाए।

भरी रहें ख़ुशियों से झोली,
कभी न दामन खाली हो।

होली जैसे दिवस तुम्हारे,
रातें शुभ दीवाली हो।

सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

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