जब तक साथ तुम्हारा है - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"

जब तक साथ तुम्हारा है,
बस जीवन मात्र सहारा है।
उपकार बहुल मानव प्रीतम,
बस महिमा प्रभु जग सारा है।

दुनिया पर संकट आया है,
कोरोना मौत की साया है।
कोहराम मचा है जन जीवन,
शरणागत मानव काया है।

भौतिक चाहत भरमाया है,
कुदरत ने कहर बस ढाया है।
त्राहिमाम् मौत जग जगदीश्वर,
सन्तान मनुज घर छाया है।

अपराध मनुज शर्माया है,
आभास स्वार्थ हो पाया है।
कर क्षमादान करुणानिधान,
नव सीख मनुज ले पाया है।

क्षतविक्षत जीवन आशा है, 
कोरोना त्रास निराशा है।
दे प्राणदान जीवन ईश्वर,
कोटि कोटि मौत जन हारा है।

अनमोल सृष्टि तेरी दुनिया,
शृंगार मनुज जग सारा है।
बन महाप्रलय कोरोना अब,
तुम नाथ अनाथ सहारा है। 

फिर एकबार मँझधार फँसा,
मानव विनाश बरपाया है।
कर भक्ति प्रीति जन जीवन भर,
ले आश शरण प्रभु आया है।

विश्वास हृदय में रक्षा का,
बहुबार तुम्हीं पर छाया है।
कर दलन कोरोना दानव का,
बस नाथ तेरा सहारा है।

डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" - नई दिल्ली

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