धरा शांत है, व्योम मौन है
नापाक कायरों की हरकत से।
अमन-चैन को छीन रहा है
नीच-क्रूर-ओछी फ़ितरत से।।
धुमिल हुई रोशनी चंद्र की
सूर्य किरण निस्तेज हुई हैं।
ग़म में डूब गया अंबर है
दिग-दिगंत मायुस हुईं हैं।।
शौर्य देश का बयाँ कर रहा
गगन तिरंगा चूम रहा।
तेरे बलिदानों की गाथा
अखिल विश्व को बता रहा।।
देशप्रेम पर प्राण निछावर
तुम पर गर्व, अभिमान हमें है।
पुलवामा के अमर शहीदों
श्रद्धाविनत, नमन तुम्हें है।।
आर. सी. यादव - जौनपुर (उत्तर प्रदेश)