जय शारदे मात - गीत - समुन्द्र सिंह पंवार

तेरी जय हो शारदे मात, तेरी जय हो शारदे मात।

तेरी सूरत सै माँ प्यारी, तू करती हंस सवारी।
सै वीणा तेरे हाथ, तेरी जय हो शारदे मात।।

तू गीत-संगीत की ज्ञाता, माँ लय, सुर की तु दाता।
तू करै ज्ञान बरसात, तेरी जय हो शारदे मात।।

जिसनें माँ तु मानी, वो रहया ना मुढ़-अज्ञानी।
मिली शोहरत की सौग़ात, तेरी जय हो शारदे मात।।

समुंदर सिंह नै वर दो, मेरा ह्रदय ज्ञान से भर दो।
तैने रटता मैं दिन रात, तेरी जय हो शारदे मात।।

समुन्द्र सिंह पंवार - रोहतक (हरियाणा)

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