वो पहली मुलाक़ात - कविता - अमित अग्रवाल

याद है मुझे उससे वो पहली मुलाक़ात।

मन में उमड़ते विचारो को परे रख,
क़िस्मत पर छोड़ चुकी थी वो आगे के सारे हालात,
याद है मुझे उससे वो पहली मुलाक़ात।

कहना तो जैसे बहुत कुछ चाहती थी मुझसे,
पर नज़रे कह रही थी बस कभी ना छोड़ना हाथ,
याद है मुझे उससे वो पहली मुलाक़ात।

डरी सहमी सी बहुत थी भीतर से,
पर बाहर से क़ाबू कर रही थी अपने जज़्बात,
याद है मुझे उससे वो पहली मुलाक़ात।

लगा मुझसे मिलकर उसे भी कुछ ऐसा ही,
आगे ज़िन्दगी जैसे भी होगी पर रहेंगे दोनों हरदम साथ,
याद है मुझे उससे वो पहली मुलाक़ात।

अमित अग्रवाल - जयपुर (राजस्थान)

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