स्वामी विवेकानंद - कविता - रमाकांत सोनी

महानायक महा चिंतक, 
धर्मगुरु समाज सुधारक,
केसरिया बाना में दमके,
विवेकानन्द साफ़ा धारक।

विश्व धर्म सम्मेलन में दिलाकर
भारत को एक नई पहचान,
युवाओं में उंमग जगाने वाले 
प्रेरणा स्रोत बने स्वामी महान।

युगपुरुष हे संत शिरोमणि, 
बुद्धि विवेक के ज्ञाता, 
कोटि-कोटि तुमको वंदन, 
राष्ट्र युवा दिवस मनाता।

उठो, जागो, सामना करो, 
जज़्बा दिया तरुणाई को,
आगे बढ़ो, घबराओ मत, 
धन्य हौसला अफजाई को।

खेतड़ी राजस्थान से घना,
स्वामी जी का लगाव रहा,
महाराजा अजीत सिंहजी, 
जिनसे प्रगाढ़ प्रेमभाव रहा।

शेखावाटी की माटी को, 
पूरी दुनिया में महकाया है,
सच्चे परमहंस के शिष्य, 
सदैव प्रकाश फैलाया है।

रमाकांत सोनी - झुंझुनू (राजस्थान)

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