रक्तदान - कविता - सुधीर श्रीवास्तव

आपका किया रक्तदान
तीन व्यक्तियों का जीवनदान।
विचार कीजिये
और लगे हाथ
यह पुण्य काम कर डालिए।
मन में संतोष होगा,
आत्मसंतुष्टि मिलेगी,
आपके इस कदम से 
किसी के आँगन में
खुशियाँ महकेगी।
रक्तदान का कोई मोल नहीं है
ये अनमोल है,
हम सबके छोटे से प्रयास का
जाने किस किसके जीवन में
बड़ा रोल है।
आइए संकल्प लें,
किसी की जिंदगी बचाने के लिए
अपना मानव धर्म निभायें।

सुधीर श्रीवास्तव - बड़गाँव, गोण्डा (उत्तर प्रदेश)

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