मैं जयपुर हूँ - कविता - गणपत लाल उदय

मैं हूँ स्मार्ट सीटी जयपुर 
राजस्थान की राजधानी जयपुर।
सवाई जयसिहं मुझको बसाया
गुलाबी नगरी  में कहलाया।।

सवाई  प्रताप  सिहं  से  लेकर
सवाई मान सिहं भी राज किया।
जयसिंह थे एक महान शासक
दूरदर्शी  और  कल्याण दायक।।

गाँव जोड़ इन्होने शहर बनाया
हवामहल  नाहरफोर्ट बनवाया।
जल-महल और आमेर पैलेस
जंतर-मंतर सिटी पैलेस बनाया।।

चारों दिशाओं जयपुर का चर्चा
अरबो-खरबो लगा इसमें खर्चा।
आज देश में और विदेश में
जयपुर भी हैं  टोप-टेन में।।

आते यहां अनेक पर्यटक घूमने
मौज-मस्ती कलाकृतियाँ देखने।
पहनावा, हरियाली व संस्कृति
भाषा बोली  जाती  है  ढूंढाडी़।।

दाल-बाटी और बनता चूरमा
राजस्थानी यहां  बहुत  सूरमा।
घूमर और  कालबेलियां  नृत्य
धूम मचाता सब देश-विदेश में।।

गणपत लाल उदय - अजमेर (राजस्थान)

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