बलात्कारियों पर अंकुश - लेख - चन्द्र प्रकाश गौतम

बदलते सामाजिक परिवेश में हमें अपने सोच को बदलने की जरूरत है। साथ ही हम सभी पुरुष वर्ग को अपनी पुरुषवादी मानसिकता को भी बदलने की जरूरत है।

बलात्कार की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए महिलाओं को शिक्षित करने तथा उनके अपने अधिकार के प्रति जागरूक करना होगा। साथ ही ऐसी घटनाओं में सम्मिलित लोगों को तत्काल कठोर से कठोर सज़ा का प्रावधान होना चाहिए।
जिससे लोगों में बलात्कार के प्रति एक डर पैदा हो।
बलात्कार करने वाला बालिक हो या नाबालिक  सजा कठोर से कठोर देना चाहिए।

आज किसी भी बलात्कार की घटना पर एक या दो दिन चर्चा होती है और उस परिवार को दस या बीस लाख रुपए देने का लालच देकर केस को सरकार भी खत्म करना चाहती हैं।
मतलब सरकार भी बलात्कार को बढ़ावा दे रही है। जो भी सरकार बलात्कार की घटनाओं पर नौकरी या पैसे की बात करता है, उसी के बेटी के साथ ऐसा हो जाए बलात्कार तो क्या वह नौकरी या पैसे की लालच कबूल करेगा?

बलात्कार की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए एक विशेष कानून पास करना होगा और उस विशेष कानून में यह प्रावधान होना चाहिए कि बलात्कारियों को उनके गाँव, घर, एरिया में किसी चौराहे पर खड़ा कर, फांसी पर लटका देना चाहिए।
ऐसी घटना से आने वाले भविष्य के बलात्कारियों में दहशत बना रहेगा और ऐसी घटना को अंजाम देने से पहले सौ बार सोचेंगे।

एक और बात कह देना चहता हूँ कि आज के मिडिया रिपोर्टर अपने समाचार पत्रों में जब एक स्त्री के साथ बलात्कार होता है तो वह जाति सूचक शब्द का प्रयोग करता है जैसे सवर्ण स्त्री, दलित स्त्री, ऐसे शब्दों का प्रयोग बंद होना चाहिए।
क्यों कि वह स्त्री किसी भी जाति वर्ग की हो, है तो 
पहले वह एक स्त्री!
अन्ततः ऐसे बलात्कारियों की संख्या भविष्य में और न बढ़े, अंकुश लगाना बहुत जरूरी है। जैसे आग के छूने से जल जाओगें वैसे ही बलात्कार करने पर मारे जाओगे।

चन्द्र प्रकाश गौतम - मीरजापुर (उत्तर प्रदेश)

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