सुनीता रानी राठौर - ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश)
सलाम मिसाइल मैन अब्दुल कलाम - कविता - सुनीता रानी राठौर
शुक्रवार, अक्टूबर 16, 2020
समर्पित चंद पंक्तियां उस महान आत्मा को
फैलाए प्रकाश जो दिव्यज्योत बन जग में।
सलाम मिसाइल मैन अब्दुल कलाम,
स्वैच्छिक कार्य वैज्ञानिक अनुसंधान।
फर्श से अर्श तक पहुंचे जो संघर्ष कर,
हो गये आप भारत रत्न से सम्मानित।
उत्कृष्ट कार्य से राष्ट्रपति पद सुशोभित,
गरीबी से लड़ काबिलियत की साबित।
मिसाइल तकनीक रक्षाप्रणाली कर्मक्षेत्र
कर दिया इसमें आपने विद्वत्ता साबित।
रहेंगे करोड़ों गरीब बच्चों के प्रेरणास्रोत,
कुछ कर गुजरने की तमन्ना से ओतप्रोत।
अखबार बेच पढ़ाई करने वाला बालक,
अपनी बौद्धिकता से हुआ विश्वविख्यात।
दिया देश को मिसाइल मैन बन मिशाल,
साधारण कद काठी का गुदरी का लाल।
सत्कर्म से सभी के दिल में कर रहे राज,
भलेमानस सादगी संपन्न व्यक्तित्व खास।
न पद का अहंकार न हीं उन्हें कोई गुरूर,
विनम्रता के परिचायक एक अद्भुत रूप।
आम लोगों के राष्ट्रपति थे अब्दुल कलाम,
दिया जिन्होंने सबको संदेश 'देश के नाम'।
सपना उनका करोड़ों कलाम बने देश में,
सपना, भ्रष्टाचार मुक्त हो भारत अपना।
सपना सच हो इसलिए देखो तुम सपना,
देखो आसमां की तरफ तुम सर उठाकर।
हम अकेले नहीं पूरा ब्रह्मांड है मेरे साथ,
उन्हीं को देता जो देखे सपना सर्वोत्तम।
करो मेहनत युवाओं को दिये वो संदेश,
रखो अलग तरीके से सोचने की क्षमता।
समस्याओं पर विजय पाने का साहस,
सफलता पाने का अटूट अद्म्य साहस।
दिखा दो अविष्कार करने की प्रतिभा,
रखो अनजान सफर पे चलने का साहस।
हमारा सलाम सच्चे सपूत कलाम को,
मानवता के सर्वोत्तम गुणों के खान को।
धरती पुत्र जिनका कर्म क्षेत्र था विज्ञान,
देशवासी नतमस्तक करें आपको सलाम।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर