सच्चे सपूत - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला

भारत माँ के सच्चे सपूत अब्दुल पाकिर कलाम।
उनको   मेरा शत शत प्रणाम  शत शत सलाम।

वह थे पक्के कर्तव्य निष्ठ वह भारत माँ के अमर रत्न।
अति ज्ञानी थे विज्ञानी थे बस सदा देश हित किये यत्न।

वह मात पिता थे धन्य धन्य जिनके आँगन में जन्म लिया।
महा गरीबी में  पलकर भी दुनिया मे था नाम किया।

सबसे  ऊँचा राष्ट्रपति पद जिसका मान बढ़ाया था।
वैज्ञानिक कलाम जी ने जब इस पग कदम उठाया था।

उनके आदर्शों  को यारों आओ  हम सब  मनन करें।
आज सभी मिल भारत वासी उस सपूत  को नमन करें।


सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)


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