ममता शर्मा "अंचल" - अलवर (राजस्थान)
जीवन घुँघरू है - ग़ज़ल - ममता शर्मा "अंचल"
गुरुवार, अक्तूबर 29, 2020
इस दिल में बस तू ही तू है
साँसों में तेरी खुशबू है
अहसासों की हलचल में तू
तू इक प्यारा -सा जादू है
तुझमें दो-दो रूह छुपी हैं
तू ढोला, तू ही मारू है
नाम तेरा चाहे जो भी हो
बसी हुई तुझमें चारू है
करदे दो पल ज़रा उजाला
अंधकार मैं, तू जुगनू है
अपनी ही पायल से बिछड़ा
लगता है जीवन घुँघरू है।।।।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर