ममता शर्मा "अंचल" - अलवर (राजस्थान)
जीवन घुँघरू है - ग़ज़ल - ममता शर्मा "अंचल"
गुरुवार, अक्तूबर 29, 2020
इस दिल में बस तू ही तू है
साँसों में तेरी खुशबू है
अहसासों की हलचल में तू
तू इक प्यारा -सा जादू है
तुझमें दो-दो रूह छुपी हैं
तू ढोला, तू ही मारू है
नाम तेरा चाहे जो भी हो
बसी हुई तुझमें चारू है
करदे दो पल ज़रा उजाला
अंधकार मैं, तू जुगनू है
अपनी ही पायल से बिछड़ा
लगता है जीवन घुँघरू है।।।।
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