हक - हक़ूक़ और ईमान का सौदा
जंग इंसाफ़ की हम रह गए लड़ते
कर लिया उसने हुक्मरान का सौदा
खूब सियासत चमका रहा था अपनी
करके वो अम्नो- अमान का सौदा
आदतन उसने तो झुठ बोला था
वो कर गया उसकी ज़ुबान का सौदा
मोहम्मद मुमताज़ हसन - रिकाबगंज, टिकारी, गया (बिहार)
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जंग इंसाफ़ की हम रह गए लड़ते
कर लिया उसने हुक्मरान का सौदा
खूब सियासत चमका रहा था अपनी
करके वो अम्नो- अमान का सौदा
आदतन उसने तो झुठ बोला था
वो कर गया उसकी ज़ुबान का सौदा
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